उत्तराखंड परिवहन निगम के परिचालक ने नेपाल की नागरिकता लेने की संस्तुति के लिए मुख्यमंत्री से लगाई गुहार

(उत्तराखंड)
ऋषिकेश/ (कुमार रजनीश)/

उत्तराखंड परिवहन निगम के एक परिचालक द्वारा पदोनत्ती न मिल पाने और कार्यालय में तैनाती न दिए जाने से नाराज होकर भारत की नागरिकता छोड़ नेपाल की नागरिकता लेने की संस्तुति मुख्यमंत्री से मांगे जाने पर उत्तराखंड परिवहन विभाग में भूचाल ला दिया। जिसके बाद से विभाग हरकत में आया और परिचालक के पत्र पर कार्रवाई में जुट गया।

मामला उत्तराखंड परिवहन निगम के ऋषिकेश डिपो से जुड़ा है। जहां परिचालक के पद पर तैनात सुभाष चन्द्र बडोला ने नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि उनकी नौकरी को 38 वर्ष हो गए हैं और मात्र दो वर्ष उनकी नौकरी पूरी होने को है। इस दौरान उनके जूनियर और साथ वालों को सेवा पदोनत्ती का लाभ मिला है लेकिन उन्हें इसका लाभ नहीं दिया गया। वहीं अब उन्होंने अस्वस्थता की बात कहकर परिचालक ड्यूटी की जगह कार्यालय में तैनाती के लिए विभाग को कई बार कहा लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। जिससे क्षुब्ध होकर उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पुस्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर नेपाल की नागरिकता लेने के लिए संस्तुति देने की गुहार लगाई है। मामला उजागर होते ही विभाग में हड़कंप मच गया। और परिचालक सुभाष चन्द्र बडोला की फाइल तेजी से टेबलों पर दौड़ने लगी है। और उन्हें सेवा के लिए स्वस्थ मानते हुए ड्यूटी ज्वाईन करने के लिए पत्र भी जारी कर दिया गया लेकिन कार्यालय में नहीं परिचालक के तौर पर कार्य करने के लिए।

मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 में उच्च न्यायालय में एक दायर याचिका के अनुसार 42 कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच कराई गई। जिसके तहत अक्षम पाए गए कर्मचारियों को कार्यालय में तैनाती दी गई वही जो स्वास्थ्य की दृष्टि से स्वस्थ पाए गए उन्हें उसी पद पर तैनात करने के आदेश जारी कर दिए गए। जिसके चलते ऋषिकेश डिपो से चार कर्मचारियों की भी स्वास्थ्य जांच कराई गई जिसमें भगवान सिंह, राजेंद्र कुमार और जगमोहन सिंह को अनफिट पाया गया जिन्हें कार्यालय के अन्य जगहों पर तैनात कर दिया गया। जबकि परिचालक सुभाष चन्द्र बडोला को परिचालक की ड्यूटी के लिए फिट पाया गया है। लेकिन परिचालक सुभाष चन्द्र बडोला अपने को अस्वस्थ बताते हुए परिचालक के पद पर कार्य न कर कार्यालय में तैनाती देने की गुहार लगा रहे हैं।

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